प्रतिवर्ष 1 अक्टूबर का दिन अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस या अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के रूप में मनाया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाने की शुरुआत सन् 1990 में हुई थी। विश्व में बुजुर्गों के प्रति होने वाले दुर्व्यवहार और अन्याय को रोकने के लिए लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए 14 दिसंबर 1990 को यह निर्णय लिया गया। तब यह तय किया गया कि हर साल 1 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के रूप में मनाया जाएगा, और 1 अक्टूबर 1991 को पहली बार अंतरराष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस या अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाया गया।
वर्तमान में पूरे विश्व में लगभग सत्तर करोड़ लोग 60 वर्ष से अधिक उम्र के हैं। 2050 तक, 2 अरब लोग, दुनिया की आबादी का 20 प्रतिशत, 60 या उससे अधिक उम्र के होंगे। वृद्ध लोगों की संख्या में वृद्धि सबसे ज्यादा विकासशील देशों में होगी। वरिष्ठ नागरिकों की विशेष जरूरतों और उनके द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।
*भारत में बुजुर्ग पेंशन राशि में बढ़ोतरी और स्वास्थ्य सेवाओं के रूप में 'आयुष्मान भारत योजना' का लाभ प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक को मिलना चाहिए*
वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अधिकार होना ही चाहिए, इसलिए यह जरूरी है कि वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली पेंशन की राशि में बढ़ोतरी हो। यह अत्यंत दुःख की बात है कि अभी भी कई राज्यों में मात्र दो सौ रुपये प्रतिमाह या कुछ अधिक (पर हजार रुपये से कम) बुजुर्गों को पेंशन दी जाती है। पेंशन राशि ऐसी होनी चाहिए, जिससे बुजुर्ग अपना गुजारा सम्मानपूर्वक कर सके। इसके अलावा, बुजुर्गों की सबसे बड़ी समस्या बढ़ती आयु के साथ गिरते स्वास्थ्य की होती है, स्वास्थ्य सेवाओं के रूप में 'आयुष्मान भारत योजना' का लाभ प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक को मिलना चाहिए, अतः भारत सरकार की 'आयुष्मान भारत योजना' में सभी वरिष्ठ नागरिकों को शामिल किया जाना चाहिए, ताकि इस योजना का लाभ सभी वरिष्ठ नागरिकों को मिल सके।
अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर सभी वरिष्ठ नागरिकों को बधाई और शुभकामनाएं,
केशव राम सिंघल
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