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Keshav Ram Singhal
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Sunday 11 December 2022

वरिष्ठ नागरिकों को अधिक वार्तालाप करना चाहिए??

वरिष्ठ नागरिकों को अधिक वार्तालाप करना चाहिए??

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परिवार के लोग चाहते हैं कि बूढ़े-बुजुर्ग उनके काम में टाँग ना अड़ाए, नुक्ता-चीनी ना करें और कुछ बोले नहीं। यदि वे ज्यादा बोलते हैं, तो सभी उनपर कटाक्ष करते हैं, और परिणामस्वरूप वरिष्ठ नागरिक बातचीत करना बंद कर देते हैं। लोगों का कटाक्ष और उनकी बात सुना न जाना, उन्हें गुमसुम रहने पर मजबूर कर देता है।

लेकिन डॉक्टरों के अनुसार वरिष्ठ नागरिकों द्वारा वार्तालाप करना वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक वरदान है। कुछ डॉक्टरों का मत है कि वरिष्ठ नागरिकों को अधिक बातचीत करनी चाहिए। अधिक बातचीत करना ही स्मृति हानि रोकने का एक तरीका प्रतीत होता है।


वरिष्ठ नागरिकों द्वारा बातचीत करने के तीन फायदे बताए जाते हैं -

पहला - बोलने से मस्तिष्क सक्रिय होता है और मस्तिष्क की सक्रियता बढ़ती है, क्योंकि भाषा और विचार एक दूसरे से संवाद करते हैं, खासकर जब बातचीत होती है तो स्वाभाविक रूप से सोचने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, जो बोलने वाले की याददाश्त को बढ़ाता है। जो वरिष्ठ नागरिक बातचीत नहीं करते और गुमसुम रहते हैं, ऐसा कहा जाता है कि उनकी याददाश्त कम होने की संभावना अधिक होती है।

दूसरा - बोलने से तनाव दूर होता है। बोलना मानसिक बीमारियों से बचाता है और स्वतः ही इससे तनाव कम होता है। अकसर देखा गया है कि कुछ वरिष्ठ नागरिक बोलते नहीं, प्रतिक्रिया नहीं देते और बहुत सी बातों को अपने दिल में दफन कर देते हैं। फलस्वरूप वे घुटन और असहजता महसूस करते हैं। यही घुटन और असहजता वरिष्ठ नागरिक की याददाश्त कमजोर कर देती है। परिवार के लोगों को चाहिए कि वे कि वरिष्ठ नागरिकों को बातचीत करने का अवसर दें।

तीसरा - बोलने से चेहरे की माँसपेशियों का व्यायाम होता है, माँसपेशियाँ सक्रिय होने के साथ-साथ फेफड़ों की क्षमता बढ़ सकती है, साथ ही आँख और कान के नुकसान के जोखिम को कम कर सकती है। बातचीत करने से चक्कर आना, सिरदर्द होना और बहरापन होना जैसे जोखिम कम हो सकते हैं।


'भूलने का रोग' ही अल्जाइमर रोग है। इस बीमारी के लक्षणों में याददाश्त की कमी होना, निर्णय न ले पाना, बोलने में दिक्कत आना तथा फिर इसकी वजह से सामाजिक और पारिवारिक समस्याओं की गंभीर स्थिति प्रारम्भ हो जाना आदि शामिल हैं।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्मृति हानि या अल्जाइमर रोग से बचने का एकमात्र तरीका है कि वे चिकित्सीय उपाय के साथ-साथ अधिक से अधिक बातचीत करें, लोगों के साथ सक्रिय रूप से संवाद करें और हल्का शारीरिक व्यायाम करें


आपको यह जानकारी कैसी लगी? कृपया प्रतिक्रिया दें / टिप्पणी लिखें।

सादर शुभकामनाएँ,

केशव राम सिंघल

चित्र प्रतीकात्मक - साभार इंटरनेट


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